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DATA REPRESENTATION

  कंप्यूटर में डेटा रिप्रजेंटेशन (Data)   कंप्यूटर डेटा को एसे रूप में संचित करता है , जिसको मानव सीधे-सीधे नही समझ सकता है ! इसीलिए कंप्यूटर में input और output Interface की आवश्यकता होती है ! प्रतिएक कंप्यूटर , अंको ,अक्षर तथा अन्य विशेष चिन्ह को एक कोड के रूप में संचित करता है ! ये कोड दो अंको 0 व 1 से निर्मित होते है ! कंप्यूटर केवल Machine Language को ही समझ सकता है Machine Language में 0 और 1 अंको का प्रयोग होता है ! अंको के प्रयोग को जानने के लिये हमें Number System को समझ ना होगा !  मूल रूप से number system दो प्रकार के होते है - NON-POSITIONAL NUMBER SYSTEM & POSITIONAL NUMBER SYSTEM .   NON-POSITIONAL NUMBER SYSTEM प्रारम्भिक कल  में गिनती करने के लिये मानव अपनी ऊँगली का प्रयोग करता था ! इसके बाद उसने कंकडों और छड़ी का प्रयोगे गिनती करने के लिये प्रारम्भ किया ! गिनती करने की इस विधि में योगात्मक (Additive) अथवा NON-POSITIONAL NUMBER SYSTEM का प्रयोग किया जाता है ! इस पद्धति में यदि हम अंक 1 के स्थान पर ‍‌Ⅰ चिन्ह का प्रयोग करें , तो अंक 2 के लिए Ⅱ , अंक 3 के

Components to Information Technology

Components - Information विशव की धुरी है ! सम्पूर्ण विशव सूचनाओ के इर्द-गिर्द ही मंडरा रहा है !सूचनाओ का अपना एक विस्तृत स्थान है ,सूचनाओ की कोई सीमा नही होती है ! इन विभिन्न प्रकार की सूचनाओ को प्राप्त करने के लिए प्रयोग में लाये जाने वाली तकनीक  Information Technology   कहलाती है ! सूचनाओ को एक स्थान से दुसरे स्थान पर भजने के लिए नये प्रयोग हो रहे है ! डाक सेवा , टेलीफ़ोन ,रेडियो , एव उपग्रह संचार प्रणाली इन्ही प्रयत्न का परिणाम है !   Information Technology के प्रमुख components  है - Hardware & software Hardware कंप्यूटर के सभी भाग जिन्हें हम छु व देख सकते है ,हार्डवेयर कहलाते है ! कंप्यूटर के बहार व अंदर के सभी भाग ,कंप्यूटर की input व output यूक्तिया आदि सभी हार्डवेयर है ! वे युक्तियाँ (Devices),जो कंप्यूटर को चलाये जाने के लिये अवश्यक है ,Standard Devices कहलाती है ; जैसे-की -बोर्ड ,फ्लापी ड्राइव ,हार्डडिस्क आदि एवम् इन    Devices के अतिरिक्त वे    Devices जिनको कंप्यूटर से जोड़ा जाता है ; जैसे - माउस , प्रिंटर, आदि Peripheral devices कहलाती है !  Standard Devices व 

Types of computers

अनुप्रयोग के आधार पर कंप्यूटरों के प्रकार (types of computers on the basis of application) अनुप्रयोग के आधार पर कंप्यूटर को तीन भागो में बाटा गया है ! 1 . Analog computer   2 . Digital computer   3 . Hybrid computer Analog computer   एनालॉग कंप्यूटर एक ग्रीक भाषा का सब्द है ! जिस का अर्थ किन्ही दो राशियो में समरूपता को तलाश करना है ! एनालॉग कंप्यूटर का प्रयोग किसी भौतिक क्रया का रूप बना कर लगातार जरी रखने के लिये किया जाता है किसी भौतिक क्रया को गणितीय समीकरण में परिवर्तित करके एनालॉग कंप्यूटर के एम्प्लीफायर बॉक्स की सहायता से इसके अनुरूप विधुत परिपथ बनाकर इसे पूर्वनिर्धारित प्रक्रिया दुआरा इलेक्ट्रॉनिक मॉडल बनया जाता है ! एनालॉग कंप्यूटर का प्रयोग science व इंजीनियरिंग के छेत्र में  प्रयोग किया जाता है ! क्योंकि इन छेत्र  में Quantities का अधिक प्रयोग होता है! इन कंप्यूटर से पूर्णत: शुद्ध परिणाम प्राप्त नही होता है ! परन्तु  99% तक शुद्ध परिणाम प्राप्त किए जा सकते है ! इन कंप्यूटर में भौतिक मात्राओ( Quantities) जैसे - दाब, तापमान , लम्बाई  आदि को माप कर उनके परिणाम को अंको

Development of computer

कंप्यूटर का विकास (Development of computer) कंप्यूटर के विकास की प्रक्रिया सन 1946 के बाद से आज तक लगातार चल रही है ! जैसे - जैसे इलेक्ट्रॉनिक पुर्जे का विकास होता गया वैसे - वैसे कंप्यूटर के विकास में नया चरण प्रारम्भ होता गया !  कंप्यूटर की पीढ़ीया  (generation of computer) प्रथम इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर का निमार्ण  1946 में किया गया ! इसके बाद वर्तमान समय के computer  तक जो भी सुधार हुए ,उन्हें चार भाग में बटा गया है ! प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर(first generation computer )  1946 में  USA में पेंनिस्लवेनिया विश्वविद्यालय में इनिओक नाम का इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर स्थापित किया गया ENIAC का पूरा नाम इलेक्ट्रॉनिक न्यूमेरिकल इंटीग्रेटेड एंड केलकुलेटर था !इस कंप्यूटर को जे .पी.इंकर्ट और जॉन डब्लू.माचली की टीम ने बनाया था !   इनिओक के बाद सन 1951 में यूनिवर्सल एकाउंट कम्पनी के लिये इंकर्ट- माचली ने UNIVAC नाम का कंप्यूटर बनाया !उसके बाद IBM 701 और IBM 605 नामक कंप्यूटर बनाए गए ! दिउतीय पीढ़ी के कंप्यूटर( Second generation computer)   विलियम शाकली नाम के वैज्ञानिक ने सन 1948 में BEL

History of computer

कंप्यूटर का इतिहास  (History of computer) कंप्यूटर का इतिहास बहुत पुरना है ! इस की शरुआत तब हुई ,जब मनुष्य ने गिनने के लिये ऊँगली का उपयोग किया ! इसके बाद 650 बी.सी. में इजिप्ट के नवासी(egyptians) ने पशु पक्षी की आक्रतियो को एक विषेस प्रकार के चिह्न दुआर गुफा में बनाया ! इस के बाद  मनुष्य ने गिनने के लिया अनेक युक्ति के खोजे की ! इस के बाद सबसे आधुनिक गणनात्मक युक्ति अबेकस (Abacus) का निर्माण किया जो की 16 सताब्दी में चीन में हुआ ! यह लकड़ी का आयातकार (Rectangle) फ्रेम होता है ! इस फ्रेम के दो भाग (peart) होते है !  Abacus का पहला peart छोटा व दूसरा peart बड़ा राखा गया ! इस फ्रेम में बायीं (left) साइड  से दाये( right) साइड से rod को पार करते हुए तार लगे रहते थे ! इन तारो में मोती पिरोये जाते थे ! इस अबेकस ने गणित विशेषेज्ञो को नयी दिशा प्रदान की इसका प्रयोग चीन ,जापान ,रूस  आदि देश में होने लगा ! सुविधानुसार अबेकस में कुछ परिवर्तन (change) कये गये ! अबेकस के बड़े भाग को अर्थ (Earth) और छोटे भाग को Heaven कहते है ! चीन  में अबेकस का सबसे जादा इस्तमाल (Use) किया जाता है !