अनुप्रयोग के आधार पर कंप्यूटरों के प्रकार (types of computers on the basis of application)
अनुप्रयोग के आधार पर कंप्यूटर को तीन भागो में बाटा गया है !
1.Analog computer 2.Digital computer 3.Hybrid computer
अनुप्रयोग के आधार पर कंप्यूटर को तीन भागो में बाटा गया है !
1.Analog computer 2.Digital computer 3.Hybrid computer
Analog computer
एनालॉग कंप्यूटर एक ग्रीक भाषा का सब्द है ! जिस का अर्थ किन्ही दो राशियो में समरूपता को तलाश करना है ! एनालॉग कंप्यूटर का प्रयोग किसी भौतिक क्रया का रूप बना कर लगातार जरी रखने के लिये किया जाता है
किसी भौतिक क्रया को गणितीय समीकरण में परिवर्तित करके एनालॉग कंप्यूटर के एम्प्लीफायर बॉक्स की सहायता से इसके अनुरूप विधुत परिपथ बनाकर इसे पूर्वनिर्धारित प्रक्रिया दुआरा इलेक्ट्रॉनिक मॉडल बनया जाता है ! एनालॉग कंप्यूटर का प्रयोग science व इंजीनियरिंग के छेत्र में प्रयोग किया जाता है ! क्योंकि इन छेत्र में Quantities का अधिक प्रयोग होता है! इन कंप्यूटर से पूर्णत: शुद्ध परिणाम प्राप्त नही होता है ! परन्तु 99% तक शुद्ध परिणाम प्राप्त किए जा सकते है ! इन कंप्यूटर में भौतिक मात्राओ( Quantities) जैसे - दाब, तापमान , लम्बाई आदि को माप कर उनके परिणाम को अंको में परिवर्तित करके देखते है !
Digital computer
डिजिट का अर्थ है -अंक ! डिजिटल पद्धति में अंक अपने स्थान को विस्थापित हो सकते है ! इलेक्ट्रॉनिक अथवा घडी डिजिटल पद्धति पर ही आधारित है !इन में सभी अंक 8 पर आधरित होती है !
डिजिटल कंप्यूटर Binary system पर आधारित होता है !इसमें मेमोरी के विभिन्न खानों में बाइनरी कोड 0 व 1 के दुआरा switching करके किसी भी अक्षर या अंक की रचना की जाती है ! जिस खाने में बाइनरी कोड 1 के दुआरा सिगनल जाता है ! वह सक्रिये हो जाता है ! डिजिटल कंप्यूटर सभी गणना अंकगणित को आधार मानकर
करता है डिजिटल कंप्यूटर किसी भी डेटा को बाइनरी में बदल देता है !
करता है डिजिटल कंप्यूटर किसी भी डेटा को बाइनरी में बदल देता है !
Hybrid computer
हाइब्रिड कंप्यूटर का अर्थ - संकरीत अथार्त अनेक गुण -धर्म यूक्त होना ! एनालॉग व डिजिटल दोनों कंप्यूटर के गुणों को मिलाकर हाइब्रिड कंप्यूटर को बनाया गया है ! एनालॉग कंप्यूटर में किसी भी सिस्टम के नियंत्रण के लिये एक ही छन में दिशा निर्देश प्राप्त हो जाते है ! हाइब्रिड कंप्यूटर इन निर्देश को डिजिटल निर्देश में परिवर्तित
करने के विषेस यंत्र का प्रयोग करते है ! मॉडल इस प्रकार का एक यंत्र है ! यह एनालॉग संकेत को डिजिटल
संकेत व डिजिटल संकेत को एनालॉग संकेत में बदलने का काम करता है !
करने के विषेस यंत्र का प्रयोग करते है ! मॉडल इस प्रकार का एक यंत्र है ! यह एनालॉग संकेत को डिजिटल
संकेत व डिजिटल संकेत को एनालॉग संकेत में बदलने का काम करता है !
types of computer on the basis of size and technique
आकार और तकनीक के आधार पर कंप्यूटर चार प्रकार के होते है - माइक्रो कंप्यूटर ,मिनी कंप्यूटर , मेनफ्रेम कंप्यूटर और सुपर कंप्यूटर !
Micro Computer
तकनीकी के आधार पर माइक्रो कंप्यूटर सबसे कम कार्य छमता रखने वाला कंप्यूटर , परन्तु यह कार्य के लिए उपयोगी होता है ! इन कंप्यूटरों के विकाश में जो सबसे बड़ा सहयोग हुआ वह था 1970 में माइक्रो प्रोसेसर का अविष्कार ! यह कंप्यूटर छोटे व सस्ते होते है इसलिए ये व्यक्तिगत उपयोग के लिए घर या बाहर किसी भी कार्य में लगाया जा सकते है अत : इन्हे personal computer (p.c) कहते है ! माइक्रो कंप्यूटर में एक ही CPU लगा होता है ! वर्तमान समय में माइक्रो कंप्यूटर का विकाश अत्यन्त तीव्र गति से होरा है यह फ़ोन के आकार और यह तक की घडी के आकार में भी विकशित होरे है !
माइक्रो कंप्यूटर घरो कार्येलये अदि में प्रयोग किये जाते है माइक्रो कंप्यूटर की सहायता से कार्येलये का सारा हिसाब -किताब सारी फ़ाइल कंप्यूटर ही समभालता है !माइक्रो कंप्यूटर का सबसे प्रचलित रूप IBM (International Business Machine)है !
Mini Computer
Mini computer का आकार लगभग माइक्रो कंप्यूटर जैसे होता है परन्तु कार्य छमता मिनी कंप्यूटर की अधिक होती है ! इसका प्रयोग बैंक व बीमा कम्पनियों आदि में कार्य करने के लिये किया जाता है ! मिनी कंप्यूटर की कीमत माइक्रो कंप्यूटर से अधिक होने के कारण इन्हे व्यक्तिगत रूप से खरीदा नही जा सकता है ! इस कंप्यूटर का प्रयोग मध्यम स्तर की कम्पनियों में किया जाता है ! इस कंप्यूटर पर एक से अधिक यूजर्स (user) कार्य के सकते है !मिनी कंप्यूटर की Memory , speed , एवं कार्य छमता माइक्रो कंप्यूटर से अधिक व मेन फ्रेमकंप्यूटर से कम होती है ! इसमें एक से अधिक C.P.U होते है !
सबसे पहला मिनी कंप्यूटर PDP-8एक रेफ्रीजरेटर के आकार का 18000 डॉलर का था ! जिसे डी.ई.सी (Digital Equipment corporation) ने सन 1965 में बनाया था ! मिने कंप्यूटर के मुख्य भाग को एक बिल्डिंग में रखा जाता था एवम् उसके साथ कई टर्मिनल जोड़ दिए जाते थे ! मिनी कंप्यूटर के अन्य उपयोग यातायात में यात्रियों के लिये अरक्षित-प्रणाली का संचालन और बैंकों में बैंकिंग के कार्य है !
PDP-8 mini computer |
Main Frame computer
यह कंप्यूटर बहुत अधिक शक्तिशाली होता है इन कंप्यूटर की memory,speed माइक्रो कंप्यूटर व मिनी कंप्यूटर की तुलना में अधिक होती है ! इस कंप्यूटर का प्रयोगे नेटवर्किंग के लिये किया जाता है ! इन कंप्यूटर पर बहुत से टर्मिनल जुड़े होते है तथा इन टर्मिनल को कहि पर भी रखा जा सकता है !यदि टर्मिनल को मुख्य कंप्यूटर के पास रखा जाता है जैसे एक ही बिल्डिंग में तो इस प्रकार की नेटवर्किंग को local area networking कहा जाता है यदि कंप्यूटर टर्मिनल को मुख्य कंप्यूटर से दूर रखा जाता है तो उसे wide area networking कहा जाता है ! रेलवे में प्रयोग किये जाने वाले टर्मिनल वाइड एरिया नेटवर्किंग का अच्छा उदहारण है !
इस कंप्यूटर की गति टर्मिनलों की सख्या ,तारो की लम्बाई के अनुसार बढाती व घटती रहती है !वास्तव में सभी टर्मिनल मेन फ्रेम कंप्यूटर का प्रयोग करने के लिये एक लाइन में खड़े होते है , परन्तु अधिक शक्तिशाली होने के कारण मेन फ्रेम कंप्यूटर प्रत्येक टर्मिनल का कार्य इतनी जल्दी करता है की user को यह लगता है की कंप्यूटर केवल उसी का कार्य कर रहा है ! इस प्रकार work करने को Time Shared System कहते है !
P.C.-A.T./386,486, IBM4381,ICL39 और CDC Cyber सृख्ला मेन फ्रेम कंप्यूटर के मुख्य उदहारण है !
Super Computer
यह कंप्यूटर आधुनिक युग का सबसे शक्तिशाली कंप्यूटर है ! इसमे अनेक C.P.U समान्तर क्रिया को समान्तर प्रक्रिया (parallel processing) कहते है ! विशव का पहला सुपर कंप्यूटर I.L.L.L.I.A.C. है !
एक C.P.U दुअरा DATA और प्रोग्राम एक धरा (Stream) में कार्य करने की पारस्परिक विचारधारा 'वोन न्युमान सिद्धन्त ' कहलाती है ! लेकिन सुपर कंप्यूटर नॉन-वोन सिधान्त के आधार पर बनाया जाता है ! सुपर कंप्यूटर अनेक A.L.U CPU का एक भाग होता है प्रतिएक A.L.U निशिचित क्रिया के लिए होता है ! इस प्रकार के कंप्यूटर में बहुत सी इनपुट व आउटपुट डिवाइस जोड़ी जाती है !
सुपर कंप्यूटर का प्रयोग ,बड़ी वैज्ञानिक और शोध प्रयोगशाला में शोध करने ,मौसम की भविष्यवाणी करने व Animation movie का निर्माण करने के लिये किया जाता है !
25 march 1989 को भारत में Cray-X MP-14 नाम का सुपर कंप्यूटर दिल्ली में स्थापित किया गया था ! इसका प्रयोग मौसम एवम् कृषि सम्बन्धी जानकारी प्राप्त करने के किया गया था ,इस के बाद भारत ने कुछ समय पहले ही सुपर कंप्यूटर बनाने में सफलता प्राप्त की CRAY-2,CRYXM-24 और NEC-500 SUPERCOMPUTER के मुख्य उदहारण है ! वर्तमान में C.D.A.C , PUNE ने परम 10000 कंप्यूटर का निर्माण श्री विजय भटकर के निर्देशन में हुआ है!' एकम' नामक सुपर कंप्यूटर का निर्माण भारत दुआरा किया गया है !...
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